यह साल न भुला जायेगा,
जिसमे मंदिर राम का आएगा,
गूंज उठेंगी दसो दिशाएं,
जब हर घर नर – नारी, बच्चा – बूढ़ा,
जय श्री राम ही गायेगा।
इंतज़ार बड़ा था मेरे राम का,
पर मर्यादा न छोड़ी है,
लक्ष्मण – सीता का त्याग साथ था,
हनुमान की भक्ति के लिए शब्दाबली भी थोड़ी है,
राम दरबार की इस मूरत को, घर घर पूजा जायेगा,
गूंज उठेंगी दसो दिशाएं,
जब हर घर नर – नारी, बच्चा – बूढ़ा,
जय श्री राम ही गायेगा।
सत युग से ही राम का चरित्र
पाठ जीवन के पढ़ा रहा,
राजमहल हो या वन का चादर
कर्म रूप में हिंदुत्व का महत्व बढ़ा रहा,
उसी चरित्र को अब हर व्यक्ति, अपना आचरण बनाएगा,
गूंज उठेंगी दसो दिशाएं,
जब हर घर नर – नारी, बच्चा – बूढ़ा,
जय श्री राम ही गायेगा।
महादेव के इष्ट राम है,
पुत्रो में भी श्रेष्ट राम है
पुरुषो में उत्तम राम है,
भाइयों में सर्वोत्तम राम है,
इस सृष्टि का सार राम है,
सत्यता का प्रमाण राम है,
मत ढूंढो यहाँ वहाँ राम को,
आत्मा का नाम राम है,
यह विश्वास ही हमारा, हर मानुष को जगायेगा,
गूंज उठेंगी दसो दिशाएं,
जब हर घर नर – नारी, बच्चा – बूढ़ा,
जय श्री राम ही गायेगा।
जय श्री राम ही गायेगा।
जय श्री राम ही गायेगा।
जय श्री राम
डॉ सोनल शर्मा
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